बिहार और यूपी के भइयों को पंजाब में नहीं घुसने देने वाले बयान पर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ बिहार के मुजफ्फरपुर में भी विरोध शुरू हो गया है। मुजफ्फरपुर के एक सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी के खिलाफ मुजफ्फरपुर कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया है। सामाजिक कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने बिहार और यूपी के लोगों का अपमान किया है । एक बिहारी होने के नाते पंजाब के मुख्यमंत्री का विरोध करना उनका फर्ज है। तमन्ना हाशमी ने कहा है कि बिहार और यूपी के बहुत सारे मजदूर पंजाब में जाकर खेतों और कारखानों में काम करते हैं। जिससे देश में अनाज का उत्पादन होता है। उन्हें डर है कि पंजाब में काम कर रहे मजदूरों के साथ सीएम के इस बयान के बाद मारपीट में शुरू हो जाए।
तमन्ना हाशमी के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने बताया है कि चन्नी का यह बयान देश को तोड़ने वाला है। इसलिए उनके खिलाफ इंडियन पेनल कोड की धारा 295, 295 क, 504 और 511 के तहत सीजेएम की अदालत में मुकदमा दर्ज कराया गया है। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने इस केस को स्वीकार कर लिया है और इसके लिए 24 फरवरी को अगली सुनवाई की तिथि मुकर्रर की गई है।
चरणजीत सिंह चन्नी के इस बयान पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। नीतीश कुमार ने कहा है कि ऐसा लोग कैसे बोल जाते हैं जबकि बिहार के लोगों के मेहनत से ही पंजाब की खेती बाड़ी चल रही हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री का यह बयान आपत्तिजनक है।
उधर आज ही पंजाब के अबोहर में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस बयान को लेकर पूरी कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया। प्रधानमंत्री ने याद दिलाया के गुरु गोविंद सिंह का जन्म बिहार के पटना साहिब में हुआ था। तो क्या ये लोग गोविंद गुरु गोविंद सिंह जी का अपमान करना चाहते हैं। चारों तरफ से आलोचना होते देख मुख्यमंत्री चन्नी ने अपने बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा है कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है।
बता दें कि सीएम चन्नी का एक बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें उन्होंने कहा कि यूपी बिहार और दिल्ली के भइये पंजाब में राज करना चाहते हैं। उन्हे घुसने नहीं देना है। इस दौरान प्रियंका गांधी भी उनके साथ थीं और चन्नी के बयान पर तालियां बजाती नजर आई थीं।