गुरदासपुर, 6 जुलाई ( ब्यूरो): कारगिल युद्ध में पाक सेना को धूल चटाते हुए सीने पर गोली खा अपना बलिदान देने बाले सेना की 8 सिख के वीर चक्र विजेता सूबेदार निर्मल सिंह का 23वां श्रद्धांजलि समारोह शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की की अध्यक्षता में गांव पुराना शाला में शहीद की याद में बने पेट्रोल पंप पर आयोजित किया गया। जिसमें एस.एस.एस बोर्ड पंजाब के पूर्व चेयरमैन व हल्का इंचार्ज रमन बहल बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए।
इनके अलावा शहीद की पत्नी मंजीत कौर, जिला प्लानिंग बोर्ड की पूर्व चेयरपर्सन नीलम महंत, शहीद लेफ्टिनेंट नवदीप सिंह अशोक चक्र के पिता कैप्टन जोगिंदर सिंह, शहीद सिपाही मक्खन सिंह के पिता हंस राज, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद कांस्टेबल मनदीप कुमार के पिता नानक चंद, शहीद सिपाही रणधीर सिंह के पिता सुखविंदर सिंह, कैप्टन सेवा सिंह, थाना प्रभारी हरमिंदर सिंह, पूर्व सैनिक संघर्ष समिति के प्रधान सूबेदार एस.पी सिंह घेसल आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम श्री सुखमणि साहब का भोग डालते हुए रागी जत्थे द्वारा बैरागमय कीर्तन कर शहीद को नमन किया गया। उसके उपरांत आयोजित श्रद्धांजलि समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि रमन बहल ने कहा 23 वर्ष पहले कारगिल की दुर्गम पहाड़ियों पर वीरता का इतिहास रचते हुए पाक सेना के छक्के छुड़ा कर सूबेदार निर्मल सिंह ने जिस वीरता व अदम्य साहस का परिचय देकर शौर्य तथा देशभक्ति की जो मशाल प्रज्जवलित की उसकी लौ आज भी युवाओं में राष्ट्र पर मर मिटने का जज्बा पैदा कर रही है। उन्होंने कहा कि जब भी देश की सुरक्षा को खतरा पैदा हुआ तो शहीदों की जन्मभूमि से विख्यात इस जिले ने झोलियां भर-भर कर अपने सपूत देश की बलिवेदी पर कुर्बान किए हैं। उन्होंने कहा कि आए दिन समाज में नैतिक मूल्यों में गिरावट आ रही है, भ्रष्टाचार का बोलबाला है, जो जहां बैठा है देश को लूट रहा है, ऐसे में शहीद सूबेदार निर्मल सिंह जैसे जांबाज सैनिक कब तक अपने बलिदान देकर इस देश को बचाते रहेंगे। बहल ने कहा कि इन अमर वीरों को आज के दिन पर यही सच्ची श्रद्धांजलि होगी कि हर देशवासी जिस भी जगह पर बैठा है चाहे कोई डॉक्टर है, अध्यापक है, राजनेता या इंजीनियर है हर कोई अपना काम ईमानदारी तथा समर्पण की भावना से करने का संकल्प लेकर इन शहीदों की सोच पर पहरा देते हुए इनके सपनों को साकार करें। उन्होंने कहा कि वह शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की द्वारा देश के वीर सैनिकों, शहीदों व उनके परिजनों के मान-सम्मान की बहाली हेतु निभाई जा रहीं सराहनीय सेवाओं को दिल से सैल्यूट करते हैं जो पिछले 26 वर्षों से समाज में देशभक्ति की अलख जगाते हुए लोगों में देश पर मर मिटने का जज्बा पैदा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को जगह-जगह कोचिंग सेंटर खोलने चाहिए ताकि हमारे युवा सेना के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी अपना भाग्य अजमा सकें।
सूबेदार निर्मल सिंह जैसे रणबांकुरों के शौर्य समक्ष राष्ट्र नतमस्तक-कुंवर विक्की
कुंवर रविंदर विक्की ने कहा कि सूबेदार निर्मल सिंह जिले के पहले ऐसे सैनिक हैं जिन्हें कारगिल युद्ध में मरणोपरांत वीर चक्र मिला, ऐसे शूरवीरों के बलिदान दिवस को एक मेले के रूप में मनाते हुए उनकी शौर्यगाथा को देश की भावी पीढ़ी को सुनाना चाहिए ताकि वो इनके बलिदान से प्रेरणा लेकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकें। उन्होंने कहा कि इस वीर योद्धा ने कारगिल की पहाड़ियों में जिस वीरता तथा अदम्य साहस का परिचय दिया उनके शौर्य के समक्ष समूचा राष्ट्र नतमस्तक है। कुंवर विक्की ने कहा कि लोग कहते हैं कि समय हर जख्म को भर देता है, मगर शहादत का जख्म ऐसा है जैसे-जैसे समय गुजरता है यह जख्म और भी हरा हो जाता है। मगर उनकी परिषद शहीद परिवारों के होंसलों को कभी भी परास्त नहीं होने देगी तथा उनका हर दुख उनके साथ मिलकर बांटेगी।
शहीदों के बलिदानों से ही रोशन है आजादी की शमां-महंत
नीलम महंत ने कहा कि सूबेदार निर्मल सिंह जैसे सीमा प्रहरियों के बलिदानों के सदके ही आजादी की शमां रोशन है, जो अपने पारिवारिक संबंधों का परित्याग करते हुए राष्ट्र की सुरक्षा में प्राणों की आहुति देकर देशवासियों को यह संदेश दे जाता है कि एक सैनिक के लिए राष्ट्र धर्म सर्वोपरि होता है। इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा शहीद के परिजनों सहित 8 अन्य शहीद परिवारों को दोशाले व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर कुलबीर सिंह, मनिंदर सिंह, शिवांग महाजन, योगेश शर्मा, एडवोकेट गुरमुख सिंह निहाल, परमजीत सिंह, लवप्रीत सिंह, मेजर सिंह आदि उपस्थित थे।
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शहीद सूबेदार निर्मल सिंह की पत्नी मंजीत कौर को सम्मानित करते हुए मुख्यातिथि रमन बहल, कुंवर रविंदर विक्की, नीलम महंत व अन्य।