*इफ्टू पंजाब ने मान सरकार द्वारा मजदूरों की दिहाड़ी 8 घंटे से बढ़ाकर 12 घंटे करने के फैसले के विरोध में पंजाब के कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक को ज्ञापन सौंपकर कानून वापस लेने की मांग की*
गुरदासपुर सुशील कुमार बरनाला :
इंडियन फेडरेशन ऑफ ट्रेड यूनियन्स (आईएफटीयू), पंजाब ने राज्य स्तरीय आह्वान के तहत आज (13 जून) विधायकों के माध्यम से मुख्यमंत्री भगवंत मान को ज्ञापन सौंपकर दुकानें एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1958 में किए गए संशोधन को मजदूरों के हितों के खिलाफ बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की है। इफ्टू के राज्य नेता जोगिंदर पाल पनियार, कमल किशोर गुरदासपुर भाईयां और मुख्तियार सिंह मानसिंहपुर ने पंजाब के कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक को ज्ञापन सौंपकर बताया कि पंजाब सरकार ने नियोक्ताओं को कानूनी तौर पर श्रमिकों से 12 घंटे काम करवाने का अधिकार दे दिया है। यह मजदूरों के अधिकारों पर हमला है जो 1806 से 1886 तक अमेरिका के शिकागो में हुआ और 8 घंटे के कार्य दिवस के कानून को 139 साल पहले लागू करवाने के लिए लाखों लोगों ने कुर्बानियां दीं, जबकि इससे पहले मजदूरों से सूर्योदय से सूर्यास्त तक काम कराया जाता था। श्रमिकों से मशीनों की तरह काम नहीं कराया जा सकता। हालांकि, मान सरकार ने केंद्र सरकार का अनुसरण करते हुए 20 श्रमिकों वाली दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को पंजीकरण से छूट दे दी है तथा उनमें काम करने वाले श्रमिकों से अपना पंजीकृत संघ बनाने का अधिकार भी छीन लिया है। संगठनों के नेताओं ने इस संशोधन कानून को वापस लेने की मांग की है, अन्यथा राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। इस अवसर पर जॉनी फूलपुरी, सोम राज, गुरमीत सिंह, निरंजन सिंह, सुरता सिंह आदि उपस्थित थे।