गुरदासपुर 10 मई (अंशु शर्मा) – भारतीय सेना की 21 पंजाब रेजीमेंट के शहीद सिपाही प्रगट सिंह का पहला श्रद्धांजलि समारोह शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की की अध्यक्षता में गांव दबुर्जी के गुरुद्वारा साहब में आयोजित किया गया। जिसमें हलका इंचार्ज गुरदीप सिंह बतौर मुख्य मेहमान शामिल हुए। इनके अलावा शहीद के पिता प्रीतम सिंह, माता सुखविंदर कौर, दादी बलविंदर कौर, बहनें किरणदीप कौर व अमनदीप कौर, चाचा तरलोचन सिंह, ताया मोहिंदर सिंह, बहनोई
हरपाल सिंह व मनिंदर सिंह, शहीद की यूनिट के नायब सूबेदार अमरजीत सिंह आदि ने विशेष मेहमान के तौर पर शामिल होकर शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित किए। सर्वप्रथम श्री आखंड पाठ साहब का भोग डालते हुए रागी जत्थे द्वारा बैरागमय कीर्तन कर शहीद को नमन किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यातिथि आम आदमी पार्टी के हलका इंचार्ज गुरदीप सिंह ने कहा कि शहीद एक संत सिपाही होता है जो राष्ट्रहित में प्राणों की आहुति देकर अपना सैन्य धर्म निभाते हुए समाज को यह संदेश दे जाता है कि एक सैनिक के लिए राष्ट्रहित सर्वोपरि होता है। उन्होंने कहा कि मौत एक दिन सबको आनी है, मगर देश की सुरक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले मरते नहीं अमर हो जाते हैं तथा जो देश व समाज अपने शहीदों को भुला देते हैं वो कभी तरक्की नहीं कर सकते और शीघ्र ही उनका अस्तित्व समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद ने शहीदों की याद में इस तरह के श्रद्धांजलि समारोह मनाने का जो सिलसिला शुरू किया है उससे समाज में देशभक्ति की चेतना पैदा होती है, इनके इस जज्बे को वह दिल से सैल्यूट करते हैं। हलका इंचार्ज ने कहा कि वह इस दुख में शहीद परिवार के साथ खड़े हैं और उनके लिए गर्व का विषय होगा कि वो किसी शहीद परिवार के काम आ सकें।
सैनिक का एक ही धर्म विजय या वीरगति-कुंवर विक्की
परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने कहा कि शहीद होना हर किसी की किस्मत में नहीं होता और वो सैनिक धन्य हैं जो इस मुकाम को हासिल कर अपना नाम शहीदों की श्रेणी में स्वर्ण अक्षरों में अंकित करवा जाते हैं। उन्होंने कहा कि सैनिक का एक ही धर्म होता है विजय या वीरगति और उसी धर्म को निभाते हुए एक साल पहले सिपाही प्रगट सिंह ने अपने पारिवारिक संबंधों का परित्याग करते हुए अपना बलिदान देकर अपने गांव दबुर्जी का नाम राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा दिया। ऐसे वीर सैनिकों की शहादत पर सारे देश को नाज है। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवार सारे देश का परिवार होते हैं, इसलिए हर देशवासी का यह फर्ज बनता है कि इन अमर वीरों के परिजनों को उचित मान सम्मान देकर इनके जिगर के टुकड़ों की शहादत की गरिमा को बहाल रखें।
यूनिट का अनमोल हीरा था प्रगट- नायब सूबेदार अमरजीत
शहीद की यूनिट के नायब सूबेदार अमरजीत सिंह ने कहा कि सिपाही प्रगट सिंह के रूप में उनकी यूनिट ने अनमोल हीरा खोया है, जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि इस वीर योद्धा के बलिदान से उनकी यूनिट के जवान हमेशा प्रेरणा लेते रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक प्रगट सिंह जैसे शूरवीर हमारी सीमाओं के प्रहरी है कोई भी दुश्मन हमारे देश की एकता व अखंडता को भंग करने की जुर्रत नहीं कर सकता। इस अवसर पर मुख्यातिथि द्वारा शहीद के परिजनों सहित दस अन्य शहीद परिवारों को शाल व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। इस मौके पर शहीद सिपाही मनिंदर सिंह के पिता सतपाल अत्री, शहीद सिपाही जतिंदर कुमार के पिता राजेश कुमार, शहीद सिपाही सुखविंदर सिंह के पिता हवलदार सीता राम, पूर्व सरपंच गुरविंदर सिंह, गुरशरण सिंह, नायब सूबेदार रत्न सिंह, पावन सिंह, प्रभजोत सिंह, सतनाम सिंह, सरबजीत सिंह, गुरजंट सिंह आदि उपस्थित थे।